भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न से सम्मानित श्रद्धेय अटलबिहारी बाजपेयी जी का आज 25 दिसंबर जन्म दिवस है। हमारे देश ने नेता कई देखें है, परंतु अटल जी की चर्चा जब होती है तो एक ही शख्सियत मे सारी खूबियां नजर आने लगती है। एक कवि, एक बेहतरीन वक्ता, और देश का एक महान दिग्गज नेता। अटल जी ने अपने विश्वास के दम पर आज की भारतीय जनता पार्टी की सथापना की थी। उनके सामने कितने ही संघर्ष चुनौतियां आई हों परंतु अटल जी का विश्वास अटल रहा। अटल जी का पूरा जीवन सादगी भरा रहा है। अटलजी काफी संवेदनशील नेताओं मे गिने जाते है। अटलजी की हिन्दी की वजह से उनकी एक अलग पहचान थी। अटल जी चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य रहे हैं। लोकसभा राज्यसभा मे कई बार चुने गए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण उन्हे भीष्म पितामह भी कहा जाता रहा है। अटलजी भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री पद के पांच वर्ष बिना किसी परेशानी के पूरे किये थे। अटल जी ने चौबीस दलों के गठबंधन से सरकार बनाई और चलाई थी। वर्ष 2005 मे अटलजी ने अपने राजनीतिक जीवन से सन्यास ले चुके थे। “16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली मे श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का स्वर्गवास हो गया। श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाले मध्यप्रदेश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। आज अटल जी का 100वां जन्म दिवस है। वाकपटुता राजनीतिक कौशल और राष्ट्र के प्रति समर्पण के लिए जाने जानेवाले श्री बाजपेयी जी की विरासत हमेशा भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी। ।। “अटलजी को शत शत नमन”।।
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